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Wednesday, October 8, 2014

Fwd: जो अपने लक्ष्य





जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया हो उसे ही प्रकाश का दर्शन होता हे !जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते हें वे कोइ लक्ष्य पूर्ण नहीं कर पाते ! वे कुछ क्षणों के लिये बडा जोश दिलाते हें ,किन्तु यह शीघ्र ठंडा हो जाता हे !


जो अपने लक्ष्य


जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया हो उसे ही प्रकाश का दर्शन होता हे !जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते हें वे कोइ लक्ष्य पूर्ण नहीं कर पाते ! वे कुछ क्षणों के लिये बडा जोश दिलाते हें ,किन्तु यह शीघ्र ठंडा हो जाता हे !

Monday, October 6, 2014

प्रत्येक स्थान



प्रत्येक स्थान और समय बोलने के योग्य नहीं होते, कभी-कभी मौन रह जाना बुरी बात नहीं |

Sunday, October 5, 2014

Fwd: [Ichchaa Purti Mandir started by mggarga on20/10/2008] भक्त वह हे






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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to Ichchaa Purti Mandir started by mggarga on20/10/2008 at 10/05/2014 10:08:00 AM

भक्त वह हे

Thursday, October 2, 2014

Fwd: संत कबीर दोहे

 संत कबीर दोहे
To:


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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



संत कबीर दोहे
सब धरती कागद करूं, लखनी सब बनराय।

सात समुँदर की मसि करूं, गुरू गुन लिखा न जाय।!

कबीर ते नर अंध है, गुरू को कहते और।

हरी रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर।।

गुरू बडे गोविन्द ते, मन में देखू विचारी।

हरी सुमिरे सो बार, गुरू सुमिरे सो पार।।


संत कबीर दोहे

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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



संत कबीर दोहे
सब धरती कागद करूं, लखनी सब बनराय।

सात समुँदर की मसि करूं, गुरू गुन लिखा न जाय।!

कबीर ते नर अंध है, गुरू को कहते और।

हरी रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर।।

गुरू बडे गोविन्द ते, मन में देखू विचारी।

हरी सुमिरे सो बार, गुरू सुमिरे सो पार।।

Wednesday, October 1, 2014

गुरू महिमा

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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 




गुरू महिमा

गुरू गोविन्द दोउ ,खडे काके लागुं पाय।
बलिहारी गुरूदेव की ,जिन गोविंस दियो बताय।।

गुरू बिन ज्ञान न उपजे ,गुरू बिन भक्ति न होय।
गुरू बिन संशय ना मिटे ,गुरू बिन मुक्ति न होय।।
गुरू -धोबी शिष्-कापडा ,साबुन -तिरजनहार।
तुरत -सिला पर धोइये ,निकले रंग अपार।।