AMRITVACHAN BLOG PAR AAPKA SWAGAT HE

PLEASE VISIT UPTO END OF THE BLOG & INTIMATE YOUR SUGGESTIONS

adsense code

Thursday, March 12, 2015

Wednesday, March 11, 2015

बहुत सारी चीजें



बहुत सारी चीजें ऐसी हैं, जो माँगने से नहीं मिलती उसे कमाना पड़ता है। प्रयास करना पड़ता है।

Tuesday, March 10, 2015

Monday, March 9, 2015

संग्रह के रोग

Visit Daily BLOGS For MORE POSTINGS
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

संग्रह के रोग को छोडकर भगवान की ओर जाने का प्रयास करें । उसकी कृपा मिल गई तो समझो सबकुछ मिल गया। यह हमेशा ध्यान रखें कि माल का संग्रह कर उसे सही-सलामत रखने में बहुत बड़ी चिंता होती है, जबकि माला फ़ेरकर प्रभु चिंतन करने में निश्चिंतता आती है। जहाँ निश्चिंतता है वही आनन्द और सुख-शांति है।

Wednesday, March 4, 2015

बहूमूल्य उपहार


Visit Daily BLOGS For MORE POSTINGS
http://jiggyaasa.blogspot.in/
http://adhyatmik.blogspot.in/
http://rajmgarg.blogspot.in/
http://guruvatikasechunephool.blogspot.in/
http://wwwmggsantvani.blogspot.in/
http://ammritvanni.blogspot.in/
http://guruvanni.blogspot.in/
http://mggarga.blogspot.in/



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

हर दिन नया उपहार लेकर आता हैद्वार पर ठहरता है और प्रतीक्षाकरने के बाद चला जाता है अगर उसके स्वागत के लिए तुम तैयारहो तो वह उपहार प्रदान करता हैनहीं तो बहूमूल्य उपहार वापिस लेकर चला जाता है !

Sunday, March 1, 2015

Fwd: [jigyasa aur samadhan] पुज्य गुरुदेव हमारे जीवन के लिए सबसे महत्व्पूर्ण क्या ...

 पुज्य गुरुदेव हमारे जीवन के लिए सबसे महत्व्पूर्ण क्या ...





जिज्ञासु : गुरुदेव ! पुज्य गुरुदेव हमारे जीवन के लिए सबसे महत्व्पूर्ण क्या हे ?

मनोरमा , राम नगर (उत्तरांचल)

पूज्य गुरुदेव :-मनुष्य के गुण उसके जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हें ! समप्ति तो संसार में ही कमाई जातीहेऔर यहीं छूट जाती हे लेकिन गुण तो जन्म जन्मान्तर तक काम आते हें ! आपका स्वच्छ अन्तर्मन निर्मलस्वभाव इस दुनिया में भी आपको सुखी करेगा और अगली दुनिया में भी सुखी करेगा ! आपकी सजी हुई आत्माआपको उच्च सिंहासन पर बैठायेंगी ! आओअका निर्मल हृदय परम प्रभु का आसन बनेगा ! आपक्र मन में उठतीहुईं भावनायेंआपको अपने प्रभु का चिंतन करने के लिये तत्पर करेंगी ! इसलिए दुनिया की कोई भी दौलत इतनीमहत्वपूर्ण नहीं है जितने गुण !